ठाम

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठाम †पु संज्ञा पुं॰, स्त्री॰ [सं॰ स्थान]

१. स्थान । जगह । उ॰— (क) इधर बपुरा को करओ वीरत्तण निज ठाम ।—कीर्ति॰, पृ॰ ६० । (ख) जो चाहत जित जान उतै ही यह पहुँचावत । बचे बीच के गाम ठाम को नाम भुलावत ।—प्रेमघन॰, भा॰ १, पृ॰ ७ । विशेष—दे॰ 'ठाँवें' ।

२. अंगस्थिति या अंगसंचालन का ढंग । ठवनि । मुद्रा । अंदाज ।

३. अँगेट । अँगलेट ।