ठीस

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठीस † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ठोस] रह रहकर होनेवाली पीड़ा । टीस । उ॰—मृतक होय गुरु पद गहै ठीस करै सब दूर ।— कबीर श॰, भा॰ ४, पृ॰ २६ ।