ठेक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठेक संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ टिकना]

१. सहारा । बल देकर टिकाने की वस्तु । ओँठगावे की चीज ।

२. वह वस्तु जो किसी भारी चीज को ऊपर ठहराए रखने के लिये नीचे के लगाई जाय । टेक । चाँड़ ।

३. वह वस्तु जिसे बीच में देने या ठोंकने से कोई ढीली वस्तु कस जाय, इधर उधऱ न हिले । पच्चड़ ।

४. किसी वस्तु के नीचे का भाग जमीन पर टिका रहे । पेंदा ।तला ।

५. टट्टियों आदि से घिरा हुआ वह स्थान जिसमें अनाज भरकर रखा जाता है ।

६. घोड़ों की एक चाल ।

७. छड़ी या लाछी की सामी ।

८. धातु के बरतन में लगी हुई चकती ।

९. एक प्रकार की मोटी महताबी ।