डढ़ना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

डढ़ना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ दग्ध, प्रा॰ डढ्ड + ना (प्रत्य॰)] जलना । सुलगना । बलना । उ॰—डढ़ै मनु रूप लसैं इह रूप । गढ़े जिमि कैयक हैं महि भूप ।—सुदन (शब्द॰) ।

२. जलना । ताप से पीड़ा होना । जलन होना । उ॰—अँचवत पय तातौ जब लाग्यौ रोवत जीभि डढ़ै ।—सूर॰, १० । १७४ ।