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डाढ़ी

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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डाढ़ी पु ^१ वि॰ [सं॰ दग्ध] दग्ध । पीड़ित । उ॰— सखी संग की निरखति यह छबि भई व्याकुल मम्मय की डाढ़ी ।— सूर॰, १० ।७३६ ।

डाढ़ी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [प्रा॰ डङ्ढ, हिं॰ डाढ + ई (प्रत्य॰)]

१. चेहरे पर ओठ के नीचे का गोल उभरा हुआ भाय । ठोड़ी । ठुड्डी । चिबुक ।

२. ठुड्डी और कनपटी पर के बाल । चिबुक और गंडस्थल पर के लोम । दाढ़ी । उ॰—दाढ़ी के रखैयन की डाढ़ी सी रहति छाती बाढ़ी मरजाद जस हद्द हिंदुवाने की ।—भूषण (शब्द॰) । मुहा॰— डाढ़ी छोड़ना = डाढ़ी न मुँड़वाना । डाढ़ी बढ़ाना । डाढ़ी का एक एक बाल करना = डाढ़ी उखाड़ लेना । अपमानित करना । दुर्दशा करना । डाढ़ी को कलप लगाना = बूढे़ आदमी को कलंक लगाना । श्रेष्ठ और वृद्ध को दोष लगाना । पेट में डाढ़ी होना = छोटी ही अवस्था में बड़ों की सी जानकारी प्रकट करना या बातें करना । पेशाब से डाढ़ी मुड़वाना = अत्यं त अपमान करना । अप्रतिष्ठा करना । दुर्गति करना । डाढ़ी फटकारना = (१) हाथ से डाढ़ी के वालों को झटकारना । (२) संतोष और उत्साह प्रट करना ।डाढ़ी रखना = डाढ़ी के बाल न मुँड़वाना । डाढ़ी बढ़ने देना ।