ढयना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ढयना क्रि॰ अ॰ [सं॰ ध्वंसन, हिं॰ ढहना]

१. किसी दीवार, मकान आदि का गिरना । ध्वस्त होना ।

२. पस्त होना । शिथिल होना । उ॰— ढीले से ढए से फीरत ऐसे कौन पै ढहे हौ ।— नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३५६ । संयो॰ क्रि॰—जाना ।— पड़ना । मुहा॰— ढय पड़ना = उतर पड़ना । सहसा आकर टिक जाना । एकबारगी आकर डेरा डाल देना (व्यंग्य) ।