ढाँकना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ढाँकना क्रि॰ सं॰ [सं॰ ढक (= छिपाना)]
१. किसी वस्तु को दूसरी वस्तु के इस प्रकार नीचे करना जिसमें वह दिखाई न दे या उसपर गर्द आदि न पड़े । ऊपर से कोई वस्तु फैला या डालकर (किसी वस्तु को) औट में करना । कोई वस्तु ऊपर से डालकर छिपाना । जैसे,—(क) पानी का बरतन खुला मत छोड़ी, ढाँक दो । (ख) मिठाई को पपड़े से ढाँक दो । संयो॰ क्रि॰—देना ।
२. इस प्रकार ऊपर डालना या फैलाना जिसमें कोई वस्तु नीचे छिप जाय । जैसे,—इसपर कपड़ा ढाँक दो । संयो॰ क्रि॰—देना ।