ढिँग पु अब्य॰ [हिं॰ ढिग] दे॰ 'ढिह' । उ॰— झरना झरै दसी दिस द्वारे, कस ढिंग आवों साहेब तुम्हारे ।—धरम॰ श॰, पृ॰ १६ ।