ढिँढोरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ढिँढोरा संज्ञा पुं॰ [अनु॰ ढम + ढोल]

१. वह ढोल जिसे बजाकर सर्वसाधारण को किसी बात की सूचना दी जाती है । घोषणा करने की भंरी । डुगडुगिया । मुहा॰— डिंढोरा पीटना या बजाना = ढोला बजाकर किसी बात की सूचना सर्वासाधारण को देना । चारो ओर घोषित करना । मुनादी करना । उ॰— खुदा जाने इन्सान क्या बातें करता है । तुम जाकर ढिंढोरा पिटवा दो ।—फिसना॰, भा॰ ३, पृ॰ १२७ ।

२. वह सूचना जो ढोल बजाकर सर्वसाधारण को दी जाय । घोषणा । मुनावी । उ॰— जो में ऐसा जानती प्रीति किए दुख होय । नगर ढिंढोरा फेरती, प्रीति करो जानि कोय ।— (प्रचलित) । कि॰ प्र॰— फेरना ।