ढुण्ढाहर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ढुंढाहर पु † संज्ञा पुं॰ [देश॰] जयपुर राज्य का एक पुराना नाम । उ॰—आये पत्र उताल सौं ताहि बाँचि ब्रजएस । सुत सुरज सौं तब कह्यो थैमि ढुंढाहर देस ।—सुजान॰, पृ॰ २५ । विशेष—इस राज्य की भाषा जो जयपुर, अलवर, हाड़ोती आदि में बोली जाती है, आज भी 'ढुँढाणी' या 'जयपुरी' कही जाती है । राजस्थानी गद्य साहित्य का अधिकांश इसी भाषा में प्राप्त होता है, राठौर पृथ्बीराज की 'बेलि' क्रिसन रुक्मणी री क ी टीका जो १६७३ मे लिखी गई थी, इसी भाषा के गद्य में प्राप्त होती है ।