ढुनमुनिया
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ढुनमुनिया † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ढनमनाना]
१. लुढ़कने की क्रिया आ भाव ।
२. सावन में कजली गाने का एक ढंग । जिसमें स्त्रियाँ एक मंड़ल में घूमती हुई गोल बाँधकर हाथ से तालियाँ बजती हुई गती हैं और बीच बीच में झुकती और खड़ी होती हैं । क्रि॰ प्र॰—खेलना । उ॰— रात को कजली गाती कुछ ढुनमुनिया भी खेलती है ।—प्रेमघन; भा॰ २, पृ॰ ३२९ ।