ढेंकिया

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ढेंकिया संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ढेंकी] डेढपटी चद्दर बनाने में कपड़े की एक प्रकार की काट और सिलाई जिससे कपड़े की लंबाई एक तिहाई धड़ जाती है और चौड़ाई एक तिहाई बढ़ जाती है । विशेष— इस काट की विशेषता यह है कि इसमें आड़ा जोड़ किनारे तक नहीं आता, बीच ही तक रह जाता है । इसमें कपड़े की लंबाई की तीन बराबर भागों में तह करके आडे़ निशान डाल देते हैं । फिर एक आड़ी लकीर पर आधी दुर एक तक किनारे की ओर से फाड़ते हैं । इसी प्रकार दूसरे किनारे की ओर दूसरी आड़ी लकीर पर भी आधी दूर तक फाड़ते हैं । इसके उपरांत बीच में पड़नेवाले भाग को खड़े बल आधेआध काट देत हैं । इस तरह जो दी टुकड़े निकलते हैं उन्हें खाली स्थान को पूरा करते हुए जोड़ देते हैं । पुरा कपड़ा कटा हुआ कपड़ा दोनों जुड़े हुए कपड़े