तँबूरची संज्ञा पुं॰ [फा॰ तंबू जी (प्रत्य॰)] दे॰ 'तंबूरची' । उ॰— कहै पदमाकर तिलँगी भीर भृंगन को मेजर तँबूरची मयूर गुम गायो है ।— पद्माकर ग्रं॰, पृ॰, ३२० ।