तंतुवाय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तंतुवाय संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कपड़े बुननेवाला । तांती । बलाई । बुनकर। Weaver। जुलाहा। कोविद । कोरी। विशेष— भिन्न भिन्न स्मृतियों में इनकी उत्पति भन्नि भिन्न प्रकार से बतलाई गई है । किसी में इन्हें मणिबंध पुरुष और मणिकार स्त्री से और किसी में वैश्य पिता और क्षत्रियाणी माता के गर्भ से उत्पन्न बतलाया गया है । इनकी उत्पत्ति के संबंध में अनेक प्रकार की कथाएँ भी हैं ।

२. मकड़ी । उ॰— आकाश जाल सब ओर तना, रवि तंतुवाय है आज बना । करता है पदप्रहार वही, मक्खी सी भिन्ना रही मही ।— साकेत, पृ॰ २६७ ।तंतुवलायक से अपभ्रंश होकर तंतुवलाय,,तंतु का लोप होकर ,,वलाय,, बलाय,,बलाई शब्द बने।जो पश्चिम भारत में प्रचलित हुवे। उत्तर भारत में तंतुवलायक से संक्षिप्त होकर तांती शब्द प्रचलित हुवा।