तड़क
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तड़क ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ तड़कना]
१. तड़कने की क्रिया या भाव ।
२. तड़कने के कारण किसी चीज पर पड़ा हुआ चिह्न ।
३. भोजन के साथ खाए जानेवाले अचार, चटनी आदि चटपटे पदार्थ । चाट ।
तड़क ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ तण्डक ( = धरन)] वह बड़ी लकड़ी जो दीवार से बँडेर लगाई जाती है और जिसपर दासे रखकर छप्पर छाया जाता है ।
तड़क भड़क संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰] वैभव, शान आदि की दिखावट ।