तूर
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
तूर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. एक प्रकार का बाजा । नगाडा़ । उ॰—तोरन तोरन तूर बजै बर भावत भाँटिन गावति ठाढी़ ।—केशव (शब्द॰) ।
२. तुरही नाम का बाजा । सिंघा ।
तूर ^२ वि॰ शीघ्रता करनेवाला । जल्दबाज [को॰] ।
तूर ^३ संज्ञा पुं॰ हरकारा [को॰] ।
तूर ^४ संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰ तूल( = लंबाई)]
१. गज डेढ़ गज लंबी एक लकडी़ जो जुलाहों के करघे में लगी रहती है और जिसमें तानी लपेटी जाती है । इसके दोनों सिरों पर दो चूर और चार छेद होते हैं ।
२. वह रस्सी जिसे जनानी पालकी के चारों ओर इसलिये बाँधते हैं जिसमें परदा हवा से उड़ने न पावे । चौबंदी ।
तूर ^५ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ तुवरी] अरहर ।
तूर ^६ संज्ञा पुं॰ [अ॰] शाम या सीरिया का एक पहाड़ जिसपर हज— रत मूसा ने ईश्बर का जल्वा देखा था । यौ॰—कोह तूर = तूर नामक पहाड़ ।