त्रसाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

त्रसाना पु † क्रि॰ स॰ [हिं॰ त्रसना] डरवाना । धमकाना । भय दिखाना । उ॰— (क) सूर श्याम बाघे ऊखल गहि माता डरत न अति हि त्रसायो ।— सूर (शब्द॰) । (ख) जाको शिव ध्यावत निसि बासर सहसासन जेहि गावै हो । सो हरि राधा बदन चंद को नैन चकोर त्रसावै हो ।—सूर (शब्द॰) ।