त्रिकल
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
त्रिकल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. तीन मात्राओं का शब्द । प्लुत ।
२. दोहे का एक भेद जिसमें ९ गुरु और ३० लघु अक्षर होते हैं । जैसे, — अति अपात जो सरितवर, जो नृप सेतु कराहिं । चढि पिपीलिका परम लघु, बिन श्रम पारहि जाहिं ।—तुलसी (शब्द॰) ।
त्रिकल ^२ वि॰ जिसमें तीन कलाएँ हों ।