त्रिगुन पु वि॰ [सं॰ त्रिगुण] सत रज तम इन तीन गुणोंवाला । उ॰—कह्यौ पूरन ब्रह्म ध्यावौ त्रिगुन मिथ्या भेष ।—पोद्दार अभि॰ ग्रं॰, पृ॰ ३१८ ।