त्रिपरिक्रांत

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

त्रिपरिक्रांत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ त्रिपरिकान्त]

१. वह ब्राह्मण जो यज्ञ करे, पढे़ पढा़वे और दान दे ।

२. वह व्यक्ति जिसने काम, क्रोध और लोभ को जीत लिया हो [को॰] ।

त्रिपरिक्रांत ^२ वि॰ जो हवन की परिक्रमा करे [को॰] ।