थरहरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थरहरी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ थरहरना] कँपकँपी जो डर के कारण हो । उ॰— खरी निदाघी दुपहरी तपनि भरी बन गेह । हहा अरी यह कहि कहा परी थरहरी देह ।—सं॰ सप्तक, पृ॰ २७९ ।