थवना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थवना संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्थापन, हिं॰ थपना] जुलाहों के उपयोग में आनेवाला कच्ची मिट्टी का एक गोला जिसमें लगी हुई लकड़ी के छेद में चरखी की लकड़ी पड़ी रहती है । इस चरखी के घूमने से नारी भरी जाती है (जुलाई) ।