थाम्ह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थाम्ह † संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्तम्भ]

१. आधार । खंभा । टेक । उ॰— चाँद सूरज कियो तारा गगन लियो बनाय । थाम्ह थूनी बिना देखौ, रखि लियो ठहराय ।—जग॰ श॰, भा॰ २, पृ॰ १०६ ।