थिरना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थिरना क्रि॰ अ॰ [सं॰ स्थिर, हिं॰ थर + ना (प्रत्य॰)]

१. पानी या और किसी द्रव पदार्थ का हिलना डोलना बंद होना । हिलते डोलते या लहराते हुए जल का ठहर जाना । जल का क्षब्ध न रहना ।

२. जल के स्थिर होने के कारण उसमें घुली हुई वस्तु का तल में बैठना । पानी का हिलना, घूमना आदि बंद होने के कारण उसमें मिली हुई चीज का पेदें में जाकर जमना ।

३. मैल आदि नीचे बैठ जाने के कारण जल का स्वच्छ हो जाना ।

४. मैल, धूल, रेत आदि के नीचे बैठ जाने के कारम साफ चीज का जल के ऊपर रह जाना । निथरना ।