थीर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थीर पु वि॰ [सं॰ स्थिर] स्थिर । ठहरा हुआ । अडोल । उ॰— (क) उलथहि मानिक मोती हीरा । दरब देखि मन होई न थीरा ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) पियरे मुख श्याम शरीरा । कहुँ रहत नहीं पल थीरा—सुंदर ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ १२६ ।