दंडव्यूह
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
दंडव्यूह संज्ञा पुं॰ [सं॰ दण्डव्यूह]
१. सेना की डंडे के आकार की स्थिति । विशेष—इस व्यूह में आगे बलाध्यक्ष, बीच में राजा, पीछे सेनापति, दोनों ओर से हाथी, हाथियों की बगल में घोड़े ओर घोड़ो की बगल में पैदल सिपाही रहते थे । मनुस्मृति में इस ब्यूह का उल्लेख है । अग्निपुराण में इसके सर्वतोवृत्ति तिर्यग्वृति आदि अनेक भेद बतलाए गए हैं ।
२. कौटिल्य के अनुसार पक्ष, कक्ष तथा उरस्य में सेना की समान स्थिति ।