दक्षिणाचार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दक्षिणाचार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सदाचार । शुद्ध और उत्तम आचरण ।

२. तांत्रकों में एक प्रकार का आचार जिसमें अपने आपको शिव मानकर पंचतत्व से शिव की पूजा की जाती है । यह आचार वामाचार से श्रेष्ठ और प्रायः वैदिक माना जाता है ।