दुरजन

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दुरजन पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ दुर्जन] दे॰ 'दुर्जन' । उ॰—दृग उरझत टूटत कुटुम जुरत चतुर प्रीति । परति गाँठ दुरजन हिए दई नई यह राति ।—बिहारी (शब्द॰) ।