धरन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धरन ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ धरना]

१. धरने की क्रिया, भाव, ढंग ।

धरन ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'धराना' । उ॰—सिंधुतीर रघुबीर गए पुनि कियो धरन उतरन को ।—रघुराज (शब्द॰) ।

धरन † ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ धरणि] धरती । जमीन ।

धरन † ^४ वि॰ [सं॰ धरण] धारण करनेवाला । उ॰—कलप कमल बर बिंबन के बैरी बंधु जीवन के बंधु लाल लीला के धरन हैं ।—भिखारी॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ २५ ।