नागरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

नागरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. नगर की रहनेवाली स्त्री । शहर की औरत ।

२. चतुर स्त्री । प्रवीण स्त्री ।

३. स्नुही । थूहर ।

४. भारतवर्ष की वह प्रधान लिपि जिसमें संस्कृत, हिंदी, मराठी, पाली प्राकृत आदि आजकल प्रायः लिखी और मुद्रित की जाती है । विशेष— दे॰ 'देवनागरी' ।

५. पत्थर की मोटाई को एक बड़ी माप ।

६. पत्थर की बहुत मोटी पटिया । बड़ा भोट ।

नागरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ नागरबेल] पान । नागबल्ली । उ॰— बाड़ी में है नागरी पान देशांतर जाय । जो वहाँ सूखै वेलड़ी तौ परन वहाँ विनसाय ।— दरिया॰ बानी, पृ॰ २ ।