नाप
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]नाप संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मापन, हिं॰ माप]
१. किसी वस्तु का विस्तार जिसका निर्धारण इस प्रकार किया जाय कि वह एक निर्दिष्ट विस्तार का कितना गुना है । किसी वस्तु की लंबाई, चौड़ाई, ऊँचाई या गहराई जिसकी छोटाई बडा़ई (या न्युनता अधिकता ) का निश्चय किसी निर्दिष्ट लंबाई के साथ मिलाने से किया जाय । परिमाण । माप । जैसे,— यह धोती नाप मै पाँच गुण हैं ।
२. विस्तार का निर्धारण । किसी वस्तु कौ लंबाई चौड़ाई आदि कितनी है इसको ठीक ठीक स्थिर करने के लिये की जानेवाली क्रिया । नापने का काम । जैसे,—जमीन की नाप हो रही है । यौ॰—नाप जोख । नाप तौल ।
३. वह निर्दिष्ट लंबाई जिसे एक मानकर वस्तु का विस्तार कितना है, यह स्थिर किया जाता है । मान । जैसे,—यहाँ की नाप कुछ छोटी है इसी से कपड़ा घटा ।
४. निर्दिष्ट लंबाई की वह वस्तु जिसका व्यवहार करके स्थिर किया जाय कि कोई वस्तु कितनी लंबी, चौड़ी आदि है । नापने की वस्तु । मानदंड । नपना । पैमाना ।