नीव

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

नीव संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ नेमि, प्रा॰ नेइँ]

१. घर बनाने में गहरी नाली के रूप में खुदा हुआ गड्ढा जिसके भीतर से दीवार की जोड़ाई आरंभ होती है । दोवार उठाने के लिये गहरा किया हुआ स्थान । क्रि॰ प्र॰—खोदना । मुहा॰—नींव देना = (१) गड्ढा खोदकर दीवार खड़ी करने के लिये स्थान बनाना । दीवार की जड़ जमाने के लिये भूमि खोदना । (२) घर उठाने का आरंभ करना । (किसी बात की) नींव देना = कारण या आधार खड़ा करना । जड़ खड़ी करना । आरंभ करना । उपक्रम करना । सामान करना । जैसे, झगड़े की नींव देना । उ॰—बाकी खाँ सो उठि छता दई दुं द की नीवँ ।—लाल (शब्द॰) । नीयँ भरना = दीवार के लिये खुदे हुए गड्ढे में कंकड़, पत्थर आदि पाटना ।

२. दीवार के लिये गहरे किए हुए स्थान में ईंट, पत्थर, मिट्टी आदि की जोड़ाई या जमावट जिसके ऊपर दीवार उठाते हैं । दीवार की जड़ या आधार । मूलभित्ति । क्रि॰ प्र॰—धरना ।—रखना । मुहा॰—नींव का पत्थर = वह पत्थर जो मकान बनाने के आरंभ में पहले पहल नींव में रखा जाता है । नींव जमाना या डालना या देना = दीवार उठाने के लिये नीवँ के गड्ढे में ईंट, पत्थर आदि जमाकर आधार खड़ा करना । दीवार की जड़ जमाना । (किसी बात की) नीवँ जमाना = (१) आधार दृढ़ जमाना । स्थिर करना । स्थापित करना । (२) गर्भ स्थित करना । पेट रखना । (किसी वस्तु या बात की) नींव डालना या देना = आधार खड़ा करना । जड़ जमाना । सूत्रपात करना । बुनियाद डालना । आरंभ करना । जैसे,— क्लाइव ने अँगरेजी राज्य की नीवँ डाली । नीवँ पड़ना = (१) घर की दीवार का आधार खड़ा होना । घर बनने का लग्गा लगाना । उ॰—ओक की नींव परी हरि लोक बिलोकत गंग तरगं तिहीरे ।—(शब्द॰) । (२) आंरभ होना । सूत्रपात होना । जड़ खड़ी होना या जमना । जैसे, झगड़े की नीवँ पड़ना, राज्य की नींव पड़ना ।

३. जड़ । मूल । स्थिति । आधार ।

नीव संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰] दे॰ 'नीवँ' ।