पँगरा

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पँगरा संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. मझोले आकार का एक प्रकार का कँटाला वृक्ष । डौलढाक । ढाक । मदार । विशेष—यह वृक्ष प्रायः सारे भारत में पाया जाता है । शीत ऋतु में इसकी पत्तियाँ झड़ जाती हैं । इसकी लकड़ी बहुत मुलायम, पर चिमड़ी होती है और तलवार की म्यान या तख्ते आदि बनाने के काम में आती है ।