पँचसर पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चशर] दे॰ 'पंचशर' । उ॰— जब कोउ या तन तनक नेहारें । ताकौं निधरक पँचसर मारै ।— नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ १२० ।