पँड़री

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पँड़री † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पड़ना] वह भूमि जो ईख बोने के लिये रखी गई हो । उखाँड़ । पँडुवा । क्रि॰ प्र॰—रखना । छोड़ना ।