पंचक्षारगण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंचक्षारगण संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चक्षारगण] वैद्यक के अनुसार पाँच मुख्य क्षार या लवण—काचलवण, सैंधव, सामुद्र, विट् और सौवर्चल ।