पंचत्व संज्ञा पुं॰ [सं॰ पंञ्चत्व] १. पाँच का भाव । २. शरी र संघटित करनेवाले पांचों भूतों का अलग अलग अवस्थान । मृत्यु । विनाश । कि॰ प्र॰—होना । मुहा॰—पंचत्व प्राप्त होना = मरना ।