पंचभद्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चभद्र] १. वैद्यक में एक ओषधिगण जिसमें गिलोय, पित्तपापड़ा, मोथा, चिरायता और सोंठ है । २. पंचकल्याण घोड़ा ।
पंचभद्र वि॰ १. पाँच गुणों से युक्त (व्यंजन आदि) । २. पापी । दुष्ट [को॰] ।