पंचभद्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंचभद्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चभद्र]

१. वैद्यक में एक ओषधिगण जिसमें गिलोय, पित्तपापड़ा, मोथा, चिरायता और सोंठ है ।

२. पंचकल्याण घोड़ा ।

पंचभद्र वि॰

१. पाँच गुणों से युक्त (व्यंजन आदि) ।

२. पापी । दुष्ट [को॰] ।