पंजवी पु वि॰ [सं॰ पञ्चमी] पाँच की संख्यावाली । पाँचवीं । उ॰—पंजवी नाड़ि इंद्री की करी । नानक किसै विरले सोझी परी ।—प्राण॰, पृ॰ १६ ।