पंडुक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंडुक संज्ञा पु॰ [सं॰ पाण्डु] [स्त्री॰ पंडुकी] कपोत या कबूतर की जाति का एक पक्षी जो ललाई लिए भूरे रंग का होता है । उ॰ —इस सुंदर तथा खेमावार वृक्ष पर शुक, मयूर, पंडुक इत्यादि सहस्रों प्रकार के पक्षियों का निवास है ।—कबीर मं॰, पृं॰ ४९६ । विशेष—यह प्रायः जंगली झाड़ियों और उजाड़ स्थानों में होता है । नर की बोली कड़ी होती है और उसके गले मे कंठा सा होता है जो नीचे की ओर अधिक स्पष्ट दिखाई पड़ता है पर ऊपर साफ नही मालूम होता । पंडुक दो प्रकार का होता है, एक बड़ू दूसरा छोटा । बडे़ का रंग भूरा और खुलता होता है । छोटे का रंग मटमैला लिए ईट सा लाल होता है । कबूतर की तरह पंडुक जल्दी पालतू नहीं होता । पंडुक और सफेद कबूतर के जोड़ से कुमरी पैदा होता है । पर्या॰—पिंडुक । पेड़की । फाख्ता ।