पदक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पदक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक प्रकार का गहना जिसमें किसी देवता के पैदों के चिह्न अंकित होते हैं और जो प्रायः बालकों की रक्षा के लिये पहनाया जाता है ।

२. पूजन आदि के लिये किसी देवता क े पैरों के बनाए हुए चिह्न ।

३. सोने चाँदी या किसी और धातु का बना हुआ सिक्के की तरह का गोल या चौकोर टुकड़ा जो किसी व्यक्ति अथवा जनसमूह को कोई विशेष अच्छा या अद् भुत कार्य करने के उपलक्ष में दिया जाता है । इसपर प्रायः दाता और गृहिता का नाम तथा दिए जाने का कारण और समय आदि अंकित रहता है । यह प्रशंसा सूचक और योग्यता का परिचायक होता है ।

४. वह जो वेदों का पदपाठ करने में प्रवीण हो ।

५. डग । कदम । पग (को॰) ।

६. स्थान । पद । ओहदा (को॰) ।

७. एक गोत्रप्रवर्तक ऋषि का नाम ।