परकार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

परकार ^१ संज्ञा पुं॰ [फा॰] वृत्त या गोलाई खींचने का औजार जो पिछले सिरों पर परस्पर जुड़ी हुई दो शालकाओ के रूप का होता है ।

परकार पु ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रकार] दे॰ 'प्रकार' । उ॰—(क) अपना बचन नहीं परकार जे अगिरिअ से देलहि नितार । विद्यापति, पृ॰ २०९ । (ख) चपरि चखनि तेजो जल आवै । इहिं परकारि तिया जु जनावै ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰१५१ ।