पलान
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पलान संज्ञा पुं॰ [सं॰ पल्याण या पल्ययन, मि॰ फा॰ पालान] गद्दी या चारजामा जो जानवरों की पीठ पर लादने या चढ़ाने के लिये कसा जाता है । उ॰— (क) हरि घोड़ा ब्रह्मा कड़ों, बासुकि पीठ पलान । चाँद सुरज दोउ पायड़ा चढ़सी संत सुजान ।— कबीर (शब्द॰) । (ख) वर्षा गयो अगस्त्य की डीठी । परे पलान तुरंगन पीठी ।—जायसी (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—कसना ।—बाँधना ।