पाद्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पाद्य ^१ वि॰ [सं॰] पद संबंधी । पैर संबंधी [को॰] ।

पाद्य ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह जल जिससे पूजनीय ब्यक्ति या देवता के पैर धोए जायँ । पैर धोने का पानी । विशेष—षोडशोपचार पूजा में आसन और स्वागत के पश्चात् और पंचोपचार पूजा में सर्वप्रथम पाद्य ही की विधि है । जिस जल से देवता के पैर धोए जाते हैं उससे हाथ नहीं धोए जा सकते । इसी से पैर धोने के जल को पाद्य और हाथ धोने के जल को 'अर्घ' कहते हैं ।