प्रदीप

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रदीप संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. दीपक । दीआ । चिराग ।

२. रोशनी । प्रकाश ।

३. वह जिससे प्रकाश हो ।

४. संपूर्ण जाति का एक राग जिसे गाने का समय तीसरा पहर है । किसी किसी के मत से यह दीपक राग का एक पुत्र है । विशेष— ग्रंथादि के अंत में लगने पर इसका अर्थ व्याख्या करने या स्पष्ट करनेवाला और वंश या कुलवाचक शब्दों के साथ लगने पर ज्योतित करनेवाला, रोशन करनेवाला अर्थ देता है । जैसे, काव्यप्रकाशप्रदीप, काव्यप्रदीप, वंशप्रदीप, कुलप्रदीप ।