फक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फक ^१ वि॰ [सं॰ स्फटिक]

१. स्वच्छ । सफेद ।

२. बदरंग । मुहा॰— रंग फक हो जाना या फक पढ़ जाना = हक्का बक्का हो जाना । घबरा जाना । चेहरे का रंग फीका पड़ जाना । जैसे,— हमें देखते ही उनके चेहरे का रंग फक हो जाता है ।

फक ^२ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ फंक,फक्क]

१. दो मिली हुई चीजो ं का अलग अलग होना । मोक्ष । छूटना ।

२. जबड़ा (को॰) ।

३. खोलना । मुहा॰— फक रेहन= बंधन से मुक्त होना । फक कराना = छुड़ाना ।