बकबक
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
बकबक संज्ञा स्त्री॰ [हिं बकना] बकने की क्रिया या भाव । व्यर्थ की बहुत अधिक बातें । जैसे,—तुम जहाँ बैठते हो वहीं बकबक करते हो । मुहा॰— बकबक झकझक = बकवाद । प्रलाप । उ॰— इस खुशगपी ने आज सितम ढाया, लेक्चर सुनने में न आया, मुफ्त की बकबक झकझक ।—फिसाना॰, भा॰ १, पृ॰ ७ ।