बालू
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बालू ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ बालुका] पत्थर या चट्टानों आदि का बहुत ही महीन चूर्ण या कण जो वर्षा के जल आदि के साथ पहाड़ों पर से बह आता और नदियों के किनारों आदि पर अथवा ऊपर जमीन या रेगिस्तानों में बहुत अधिक पाया जाता है । रेणुका । रेत । उ॰—धूआ का घोरेहरा ज्यों बालू की भीत ।—पलटू॰ बानी, भा॰ १, पृ॰ २० ।
बालू ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की मछली जो दक्षिण भारत और लंका के जलाशयों में पाई जाती है ।