मंझा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मंझा पु ^१ वि॰ [सं॰ मध्य, पा॰ मज्झ] मध्य का । बीच का । जो दो के बीच में हो । मंझला । उ॰—मंझा जोति राम प्रकासै गुर गमि बाणी ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ १४३ ।

मंझा ^२ संज्ञा पुं॰

१. सूत कातने के चरखे में वह मध्य का अवयव जिसके ऊपर माल रहती है । मुँडला ।

२. अटेरन के बीच की लकड़ी । मँझेरू ।

मंझा ^३ संज्ञा स्त्री॰ वह भूमि जो गोयंड और पालों के बीच में हो ।

मंझा ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मञ्चक]

१. चौकी ।

२. पलंग । खाट । (पंजाब) ।

मंझा ^५ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ माँजना] वह पदार्थ जिससे रस्सी वा पतंग की डोर को माँजते हैं । माँझा । मुहा॰—मंझा देना = माँजना । लेस चढ़ाना ।