मंडलक संज्ञा पुं॰ [सं॰ मण्डलक] १. दे॰ 'मंडल' । २. दर्पण । ३. घेरादार वरतु । उ॰—ऊपरवाले किनारे पर एक घुंडी या मंडलक होता है—भोतिक॰, पृ॰ ३९५ ।